हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य की पुलिस वहां की सरकार का आइना होती है और पुलिसकर्मियों को पूरी निष्ठाभाव से सेवा करनी चाहिए। पुलिस की नौकरी केवल आजीविका के लिए नहीं है बल्कि इसमें समाजसेवा का भाव भी निहित है।

मुख्यमंत्री ने हरियाणा सशस्त्र पुलिस, अकादमी मधुबन,करनाल के वच्छेर स्टेडियम में पुलिस के 16वें बैच के 400 महिला एवं पुरूष उप-निरीक्षकों के दीक्षांत समारोह में परेड का निरीक्षण करने उपरांत पुलिस जवानों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त उप-निरीक्षकों को उनका प्रशिक्षण पूरा होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के बाद वे अपनी ड्यूटी पर पहला कदम रखेंगे। आज के बाद सभी को एचपी यानि हरियाणा पुलिस नहीं बल्कि एचपी हरियाणा प्रदेश मानकर पूरे प्रदेश की ईमानदारी और कर्मठता से सेवा करनी होगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले पुलिसबल में महिलाओं की संख्या केवल तीन प्रतिशत थी, जबकि पिछले पांच साल में इनकी संख्या को बढ़ाकर 6 प्रतिशत तक कर दिया गया और उसके बाद ये संख्या 10 प्रतिशत तक पहुंच गई। सरकार का लक्ष्य है कि इसे 15 प्रतिशत तक किया जाए। उन्होंने कहा कि आज के दीक्षांत समारोह में भी 56 महिला पुलिस उपनिरीक्षक पासआउट हो रही हैं जो पासआउट संख्या का 14 प्रतिशत बनता है।
योग्यता के आधार पर नौकरी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में सरकार ने पिछले लगभग 6 सालों में 70 हजार से अधिक युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप सरकारी नौकरी दी है। पुलिस में भी पारदर्शी तरीके से भर्ती करने के लिए टीआरपी (ट्रांसपेरेंट रिक्रूटमेंट प्रोसैस)लागू किया गया है। हरियाणा पुलिस में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी भर्ती किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पुलिस सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य में हर जिले में मॉडर्न पुलिस थाना बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य में पांच पुलिस रेंज मुख्यालय और कमिश्नरेट, फरीदाबाद में 6 नए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन बनाने की मंजूरी दी है। मधुबन में स्थित पुलिस कॉम्पलैक्स में भी फॉरेंसिक साईंस प्रयोगशाला (एफएसएल) के ट्रैकिया बार-कोडिंग सिस्टम का शुभारंभ किया गया है। साइबर अपराधों से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए गुरुग्राम में देश का पहला ट्रेनिंग सेंटर डीआईटेसी (डिजिटल इन्वेस्टिगेशन एंड टैक्रिकल ऐनिलाईज सैंटर) स्थापित किया गया है। इसमें पुलिस के कर्मचारियों को सोशल मीडिया, इंटरनेट और साइबर अपराधों का अनुसंधान करने में प्रशिक्षित किया जाता है।