न्यूज की न्यूज : एक दिन पहले गृह मंत्री अनिल विज ने एसईटी की जांच के अनुसार आईपीएस प्रतीक्षा गोदारा और आईएएस शेखर विद्यार्थी पर कार्रवाई करने की सिफारिश की। लेकिन एक दिन बाद शुक्रवार को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने एसईटी की जांच पर ही कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

आबकारी विभाग प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने और अवैध शराब के नेटवर्क को रोकने के लिए अच्छा काम कर रहा है। एसईटी की रिपोर्ट में जो सिफारिशें की गई हैं, वे सभी बिंदू इस साल के लिए लागू की गई आबकारी नीति में पहले से ही शामिल किए जा चुके हैं और दिसंबर तक लागू कर दिए जाएंगे। मार्च महीने के आखिर में लॉकडाउन लगने के बाद शराब के ठेके बंद करवाने के उनके आदेश को अधिकारियों ने उचित समय में लागू करवा दिया और इसमें कोई ढील नहीं बरती गई। ये बातें डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
जानिए इस दौरान उन्होंने जांच पर क्या-क्या सवाल उठाए : - उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में लागू एक्ट के तहत शराब डिस्टलरी में किसी अधिकारी का दौरा करने की अनुमति नहीं है इसलिए एसईटी की तरफ से की गई ऐसी एक मांग को नहीं माना जा सकता था। - दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस विभाग में जाकर एसईटी के सदस्य जांच करना चाहते थे वो पंजाब में स्थित है जिसकी मंजूरी हरियाणा का आबकारी विभाग दे ही नहीं सकता। - दुष्यंत चौटाला ने बताया कि 26 मार्च की शाम को उन्होंने सभी शराब ठेके बंद करने के आदेश दिए थे और 27 मार्च की सुबह 11 बजे सभी जिलों से इसे लागू किए जाने की रिपोर्ट आ गई थी। - उन्होंने कहा कि विभाग के शीर्ष अधिकारी शेखर विद्यार्थी ने इस विषय में अच्छा काम किया। - महत्वपूर्ण बात ये भी बताई कि एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार उनके उपमुख्यमंत्री बनने से पहले आबकारी विभाग की ओर से शराब की गड़बड़ी मामलों में 14 एफआईआर दर्ज करवाई गई थी लेकिन पुलिस विभाग उन मामलों में ड्राइवर से ऊपर स्तर के किसी अधिकारी के खिलाफ ना कोई जांच ना कार्रवाई कर पाया। - उन्होंने कहा कि एक तरफ आबकारी विभाग ने गड़बड़ करने वाले अपने वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है और सख्त संदेश दिया है लेकिन पुलिस विभाग की उनके कर्मचारियों के मामले में जांच ड्राइवर से ऊपर जा ही नहीं सकी। - एक अन्य विषय पर डिप्टी सीएम ने कहा कि एसईटी ने पकड़ी गई शराब को उचित समय में नष्ट ना करने पर टिप्पणी की है जबकि ये रिकॉर्ड की बात है कि जुलाई 2019 तक का अवैध शराब का स्टॉक नष्ट किया जा चुका है और उसके बाद की जब्त शराब को नष्ट करने के लिए विभाग ने नवंबर 2019 में विभाग की तरफ से बाकायदा आदेश जारी किए गए थे। - उन्होंने कहा कि इसमें कोई देरी नहीं हुई और फिलहाल कोरोना संकट की वजह से ही कुछ स्टॉक नष्ट नहीं किया जा सका है और उन्होंने अगले 15 दिनों में सभी जिलों में मौजूद जब्त शराब को नष्ट करने के आदेश दे दिए हैं। - शराब के स्टॉक पर बनाई गई एसईटी की रिपोर्ट पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एसईटी की सिफारिशें राज्य की नई आबकारी नीति में पहले से ही है और दिसंबर तक सब लागू हो जाएगा। - उन्होंने कहा कि सोनीपत जिले के डीईटीसी पर ठील बरतने की जो रिपोर्ट आई है, उसके लिए उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को कार्रवाई करने को कह दिया है। - जब एसईटी की रिपोर्ट के हिसाब से विजिलेंस विभाग को जांच सौंपने की चर्चाओं पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विजिलेंस विभाग को जांच देने की राज्य सरकार की एक प्रक्रिया है और उसी हिसाब से इस पर निर्णय होगा। - उपमुख्यमंत्री ने बताया कि शराब की फैक्ट्रियों में सीसीटीवी लगाने का नियम दस साल से लागू है और इस बार उन्होंने इसमें सुधार कर फैक्ट्रियों पर ही यह जिम्मेदारी डाली गई है कि वे सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग खुद उपलब्ध करवाएंगे। - उन्होंने खुशी जाहिर की कि राज्य का आबकारी विभाग राजस्व बढ़ाने और कर चोरी रोकने में बेहतरीन काम कर रहा है और 19 अगस्त को पहली तिमाही खत्म होने पर वे इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट सबके सामने रखेंगे।