रोहतक से निकल कर न केवल बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड तक का सफर तय करने वाले हरियाणा की माटी के लाल एक्टर रणदीप हुड्डा का आज जन्मदिन है। इस मौके पर हम आपके लिए लाए हैं उनका ठेठ हरियाणवी में पहला इंटरव्यू। जिसमें उन्होंने अपने एक्टिंग में आने से लेकर अब तक तक के सफर के बारे में खुलकर बताया।

सवाल: रोहतक तै सिनेमा तक कै सफर मैं सबतै कठिन दौर कुणसा आया? जवाब: जब मैंने फोन करकै कही कि पापा मैंने एक्टिंग करणी सै। वे चुप होगे। पर रोक्या नहीं। आज के टेम पै मेरे बाबू नै फिल्म इंडस्ट्री के बारे मैं मेरे तै भी घणा बेरा सै। मेरै तो सबसे बड़ी प्रॉब्लम अकड़ की सै। किसी के आगे पीछे ना घुमया जांदा अपने पै तै। सवाल: इस सफर मैं आपनै सबतै बड़ा बदलाव के करया? जवाब: एक तो थोड़ा बोलण चालन का तरीका बदलना पड्या। सब नै म्हारा मजाक समझ मैं नी आंदा। एक कहावत है कि क्या जो आप बोल रहे हो वो सच है, क्या वो जरूरी है और तीसरा क्या वो मीठा है। अब मैं इन तीन बातों पर अमल करने लग्या हूं।
सवाल: सिने जगत मैं जो आणा चाह रे सैं उनतै आप के सलाह दोगे? जवाब: एक तो हो सै फेम, के लोग आपको जानें। अगर आने का यही बड़ा कारण है तो फेर रहने ही दें। अगर आप कला की तरफ जा रहे हो तो बहुत रास्ते हैं। खाली जिम जाने से कोई हीरो नहीं बनता। शरीर तो बदलता रहता है। मैं 95 किलो का था, सरबजीत के लिए 30 किलो वजन तोड्या।।
सवाल: हरियाणा की माट्टी मैं ईसा के सै जिस तै हम हर फील्ड मैं झंडे गाड़ दे सैं? जवाब: काम तो सभी अच्छा कर रहे हैं। हां, पर पिछले कुछ समय में हरियाणा से खेल, बॉलीवुड, पढ़ाई आदि हर जगह कुछ अच्छे नाम निकले सैं। म्हारा खाना-पीणा अच्छा है। माट्टी मैं एटीट्यूड है। हम ट्रेजडी मैं भी हंस लें सैं। सवाल: आपने पढ़ाई मार्केटिंग में की और आए एक्टिंग में, कैसे? जवाब: राई स्पोर्ट्स स्कूल से पढ़ाई की है। वहीं बहन को प्ले करते हुए देखा। उसे बेस्ट स्पोर्टिंग एक्टर का इनाम मिला। तो मुझे भी प्रेरणा मिली। शुरू में मुझे एक्स्ट्रा काम या नॉन स्पीकिंग रोल मिलते थे। मेरा पहला प्ले जो मेरे पेरेंट्स ने देखा था वो था डॉक्टर लिम पो पो। मेरा रोल बब्बर शेर का था। पूरी ड्रेस थी और पूंछ लगी थी। मैं पेरेंट्स की तरफ जोर-जोर से दहाड़ रहा था, ताकि वे मुझे देखें लेकिन उनको मैं पहचान में नहीं आया।
सवाल: आगे की यात्रा और चुनौतियों के बारे में बताएं? जवाब: ऑस्ट्रेलिया पढ़ने गया और वहां साथ में टैक्सी चलाता था। लोगों काे देखकर लगा कि खुश वही हैं जो अपनी रुचि का काम कर रहे थे। फिर मैं अपनी रुचि एक्टिंग व घुड़सवारी की ओर लौट आया। पेरेंट्स ने बोल्या- तन्नै जो करणा सै कर ले पर बुढ़ापे मैं म्हारे ऊपर बोझ ना बणिये। सवाल: पहले बॉलीवुड में पंजाबी का बोलबाला था। अब हरियाणवी का? जवाब: लोगों को ईब पता चल रया सै हरियाणा मैं कितना माल सै। पंजाबी बहुत अच्छी भाषा है। हमारे यहां एक सेंस ऑफ ह्यूमर है। एक एटीट्यूड है हरियाणवी में। बोलचाल में भी हंसी होती है। यही लोगों को भाने लगी है। सवाल: क्या एक्सट्रैक्शन लॉकडाउन के कारण हिट हुआ? जवाब: नहीं। पसीना निकाल-निकाल कर, घंटों मेहनत करके खुद को इसके लिए तैयार किया। शून्य बना और फिर से सीखा। सबसे ज्यादा मेहनत लगती है खुद को शून्य करने में। मैंने अपनी फिजिक का इस तरह पहले प्रयोग नहीं किया था। हॉलीवुड से आगे भी अच्छा काम आएगा तो करेंगे।
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