सीएम मनोहर लाल ने मंगलवार को पंचकूला में 20 परिवारों के मुखियाओं को पहचान पत्र वितरित करके परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) योजना शुरू की। अगले 3 माह में सभी विभागों की कल्याणकारी योजनाओं को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा जाएगा।

वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना, दिव्यांग जन पेंशन योजना और विधवा और निराश्रित महिला पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा गया है। शेष 21 जिलों में भी कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और अन्य प्रमुख हस्तियों द्वारा लाभार्थियों को परिवार पहचान पत्र वितरित किए। सीएम ने कहा कि प्रदेश के 56 लाख परिवारों के करीब 1 करोड़ 95 लाख लोगों का डाटा पीपीपी के साथ जोड़ा गया है। सभी विभागों की योजनाओं के एकीकरण से सिस्टम में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
18.19 लाख परिवारों का डाटा तैयार : प्रदेश में अलग पहचान के लिए परिवार पहचान पत्र तैयार करने के लिए अभियान शुरू किया है। राज्य में 56.20 लाख परिवारों के उपलब्ध रिकॉर्ड में से 18.19 लाख परिवारों का डाटा तैयार किया है। इनको पहचान पत्र प्रदान दिया जा रहा है। अगस्त 2020 के अंत तक 20 लाख परिवारों को वितरित किए जाएंगे। सितंबर में शेष परिवारों के पहचान पत्र के लिए आवश्यक सत्यापन का कार्य इस महीने पूरा हो जाएगा। आंकड़ों के संग्रहण और सत्यापन के कार्य के लिए 27 अगस्त से 31 अगस्त तक चार दिवसीय विशेष शिविरों का आयोजन ग्राम स्तर और सभी नगर परिषदों और नगर पालिकओं में वार्ड अनुसार किया जाएगा।
ये मिलेगा लाभ परिवार पहचान पत्र के वितरण के बाद राज्य सरकार ऐसे परिवारों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पेंशन आदि से संबंधित जरूरतों का ही ध्यान नहीं रखेगी बल्कि युवाओं के कौशल और रोजगार को भी बढ़ावा देगी। इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र लाभार्थियों को केवल एक बार ही उनके निकटतम सरल या अंत्योदय केंद्र पर जाकर एक फॉर्म भरना होगा।
राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की योजनाओं के एकीकरण के अभियान के तहत, उन सभी परिवारों के राशन कार्ड तैयार किए जाएंगे, जिनके पास वर्तमान में कोई राशन कार्ड नहीं है, परंतु उपयुक्त श्रेणी के राशन कार्ड के लिए पात्र हैं। कोविड-19 संकट के दौरान डिस्ट्रेस राशन टोकन के माध्यम से 5.70 लाख से अधिक परिवारों को राशन वितरित किया गया है। राज्य में कोई भी पात्र परिवार राशन कार्ड से वंचित नहीं रहेगा। कोई भी कार्डधारक देश के किसी भी हिस्से में राशन ले सकेगा। मुख्यमंत्री ने असंगठित मजदूरों के पंजीकरण के लिए एक पोर्टल भी लांच किया।