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भाजपा से कांग्रेस में आकर फिर भाजपा में लौटा यह नेता

कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा निर्दलीय प्रत्याशी डॉ.कपूर नरवाल को नामांकन वापस कराने में भले ही कामयाब हो गए, लेकिन टिकट नहीं मिलने से कार्यकर्ताओं में नाराजगी को दूर नहीं हो पाए। टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस नेता प्रदीप सांगवान ने फिर से अपने घर भाजपा में वापसी कर ली है।

गुरूवार को प्रदीप सांगवान रोहतक में आयोजित कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल के सामने पार्टी में शामिल हुए। इससे पहले बुधवार देर शाम प्रदीप सांगवान के कार्यालय पर लगे कांग्रेस नेताओं के बोर्ड भी उतार दिए गए। प्रदीप सांगवान के शामिल होने पर तीन अध्यादेशों को लेकर चारों तरफ से घिरी भाजपा को कुछ राहत मिल सकती है। क्योंकि प्रदीप सांगवान भी किसानों के मद्दे पर राजनीति करते हैं। इसका फायदा भी भाजपा को मिल सकता है। प्रदीप सांगवान के पिता किशन सिंह सांगवान भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर रहे थे। सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार सांसद भी रहें। किशन सिंह सांगवान पहली बार लोकदल से 1987 में गोहाना विधानसभा से विधायक बने थे। इसके बाद 1998 में लोकदल की टिकट से सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वर्ष 1999 में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई थी। किशन सिंह सांगवान ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2004 में फिर से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बने। प्रदीप सांगवान ने वर्ष 2008 में गोहाना विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्हें 5446 वोट मिले थे। किशन सिंह सांगवान के निधन के बाद उनके पुत्र प्रदीप सांगवान ने वर्ष 2014 में सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा से टिकट मांगा था। टिकट नहीं मिलने पर वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस बार बरोदा उपचुनाव में टिकट की दौड़ में थे, लेकिन अंतिम समय में टिकट इंदुराज नरवाल को दे दी गई। टिकट कटने के बाद प्रदीप सांगवान नाराज चल रहे थे। वे कांग्रेस कार्यक्रमों से भी दूरी बनाए हुए थे।

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