हरियाणा सरकार जमीनों की खरीद, बिक्री व अवैध कालोनियों की रजिस्ट्री में होने वाले भ्रष्टाचार पर सख्त हो गई है। कोरोना के दौरान 22 अप्रैल से 22 जुलाई के बीच हुई रजिस्ट्रियों की जांच का जिम्मा डीसी को सौंपा गया है। जांच में फर्जीवाड़ा पाए जाने पर गलत रजिस्ट्रियों को रद्द कर दिया जाएगा। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने वीरवार को यह जानकारी दी।

अवैध कालोनी की अब कृषि भूमि के नाम पर कोई रजिस्ट्री नहीं होगी। नई व्यवस्था लागू होने पर 24 घंटे में रजिस्ट्री की कॉपी ईमेल पर मिलेगी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट में भी संशोधन किया जाएगा ताकि कृषि के नाम पर रजिस्ट्री कराकर अवैध कालोनियां न काटी जा सकें। 2 एकड़ को 2 कनाल कृषि भूमि दिखाकर शहरी निकायों के कंट्रोल्ड एरिया में रजिस्ट्री होती रही हैं। कंट्रोल्ड में रजिस्ट्री के लिए अलग-अलग विभागों की एनओसी की जरूरत होती है। इसमें कई खामियां हैं, जिन्हें शहरी निकाय, राजस्व, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग व पंचायत विभाग मिलकर दुरुस्त करेंगे।
रजिस्ट्री प्रक्रिया में ये होंगे सुधार
अब सौ रुपये से ऊपर के सभी स्टांप, ई-स्टांप के जरिये मिलेंगे। इन्हें ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे।
सभी तरह की लेनदेन की नमूना कॉपी अब विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगी। इस फॉर्म को डाउनलोड कर आम व्यक्ति अपनी जानकारी भरकर जमा करवा सकेंगे। उन्हें किसी एजेंट पर निर्भर होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अब रजिस्ट्री होने के 24 घंटे के भीतर इलेक्ट्रॉनिक कॉपी उपभोक्ता की ईमेल पर भेजी जाएगी। रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से हार्डकॉपी भी भेजेंगे।