हरियाणा में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले के बाद भी सरकार छात्रों को छात्रवृत्ति का पैसा जारी करेगी। दरअसल, दो सालों से ये राशि बंद है, जिसे अब सरकार ने छात्रों के हितों को देखते हुए दोबारा से जारी करने का फैसला लिया है।

छात्रवृत्ति में हुए घोटाले की जांच स्टेट विजिलेंस और ईडी कर रही है। राज्य के कई जिलों में घोटाला खुल चुका है, इसले जांच अब भी लगातार जारी रहेगी। स्कॉलरशिप घोटाला सामने आने के बाद से ही सीएम मनोहर लाल ने अपने कार्यकाल में ही 6 सालों 2012-18 तक जारी हुई छात्रवृत्ति की जांच के आदेश दिए थे। ये भी सामने आया कि इस घोटाले के तार हिमाचल प्रदेश से भी जुड़े हुए हैं।
जिसके बाद सरकार ने एससी-बीसी स्कॉलरशिप रोक दी थी। लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि 2018-19 और 2019-20 की स्कॉलरशिप छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों के जरिए दी जाए। इस पर सरकार ने ये भी दलील पेश की है कि विजिलेंस और ईडी की जांच पुराने मामलों में चल रही है। स्कॉलरशिप जारी करने पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं है।