हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार जमीनों की रजिस्ट्री के मामले में ऐसा मॉडल स्थापित करेगी जो कि नागरिकों के लिए परेशानी मुक्त हो, पारदर्शी हो। इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा अपनाई जा रही ऑनलाइन प्रणाली की चर्चा देशभर में है।

तेलंगाना समेत कई अन्य राज्य हरियाणा के मॉडल को अनुकरण करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। तेलंगाना ने भी अपने प्रदेश में रजिस्ट्री बंद कर दी हैं और हरियाणा की तर्ज पर ई-रजिस्ट्रेशन प्रणाली को अपनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उपमुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिला उपायुक्तों को अगले सप्ताह तक कलेक्टर-रेट को स्टेंडर्डाइज करने के भी निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों से चंडीगढ़ स्थित हरियाणा सिविल सचिवालय में रूबरू हो रहे थे।
डिप्टी सीएम ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे रजिस्ट्री के मामले में लगातार मॉनिटरिंग करें और तहसील स्तर पर भी एक कॉर्डिनेटर लगाएं जो रजिस्ट्री से संबंधित विभागों में जिला स्तर से समन्वय स्थापित करते रहें ताकि रजिस्ट्री करवाने वाले लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। एनआरआई की रजिस्ट्री के मामले में पूछे गए सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ऐसे मामलों में पासपोर्ट नंबर भी ऑनलाइन प्रक्रिया में दर्ज करना पड़ेगा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को जिला उपायुक्तों द्वारा ध्यान में लाई गई ऑनलाइन रजिस्ट्री के मामले में जो भी त्रुटियां आ रही हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए।
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