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गौर से देखिए इस चेहरे को, क्योंकि?

यह चेहरा आपको गौर से देखने की जरूरत है क्योंकि यह ठगी का मास्टरमाइंड है। यह कोई एक या दो तरह की नहीं बल्कि कई तरह की ठगी जानता है और ठगी का ट्रेनिंग सेंटर चलाता है।

जींद में फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर ज्वेलर्स से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना मनीष वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में सामने आया कि मनीष वर्मा पहले सट्टेबाजी में व एलआईसी अधिकारी बनकर लोगों को ठगता था। लॉकडाउन के दौरान ओडिशा के एक व्यक्ति से मनीष वर्मा ने कॉल सेंटर से संपर्क कर उसकी लैप्स हुई एलआईसी की इंश्योरेंस पॉलिसी चालू करवाने के नाम पर 5 लाख ठगे थे।

इस दौरान श्वेता वर्मा ने भी सहयोग किया था। इसी तरह विभिन्न प्रदेशों में उसने एलआईसी या फिर दूसरी इंश्योरेंस कंपनियों की पॉलिसी चालू करवाने, उन्हें मैच्योर होने पर राशि दिलवाने के नाम पर ठगी की है। लॉकडाउन में धंधा मंदा हुआ तो उसने फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर आईटीआर न भरने, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आय से अधिक संपत्ति के फर्जी नोटिस तैयार कर तलाशी लेने की एवज में ठगने का काम शुरू कर किया। वह बड़ी टीम तैयार करना चाहता था, लेकिन पकड़ी गई दोनों युवतियां श्वेता व स्वाति के अलावा एक-दो और व्यक्ति ही जुड़ पाया। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि श्वेता व स्वाति की जींद में ज्वेलर्स को ठगने की पहली वारदात थी, जिसमें वे सफल नहीं हो पाईं और मौके पर ही पकड़ी गई थीं।


शुरुआत में लगवाता था सट्टे :

पूछताछ में ठगी के सरगना ने खुलासा किया कि वह शुरुआत में लोगों के सट्टे में पैसे लगवाता था। लेकिन इस धंधे को उसने बाद में बंद कर दिया और लोगों के साथ ठगी करने का नया धंधा शुरू कर दिया। इसके लिए उसने दिल्ली के चांदनी चौक में कॉल सेंटर शुरू किया। इस दौरान उसकी दूर की रिश्तेदारी में पड़ने वाली तलाकशुदा श्वेता वर्मा भी उसके संपर्क में आई।


एलआईसी व दूसरी कंपनियों से लिया डाटा :

कॉल सेंटर चलाते हुए मनीष वर्मा ने एलआईसी व दूसरी इंश्योरेंस कंपनियों की लैप्स व मैच्योर हुई पॉलिसी का डाटा एकत्र किया। इसके बाद उसने दिल्ली से बाहर दूसरे प्रदेशों के लोगों से फोन संपर्क कर उनकी लैप्स हुई पॉलिसी को दोबारा चलाने को लेकर मनीष, श्वेता व दूसरी महिला कर्मचारियों ने एलआईसी अधिकारी बनकर संपर्क करना शुरू कर दिया। इस दौरान लोगों को जमा की जाने वाली राशि से कम राशि जमा करवाने का ऑफर देकर उन्हें अपने जाल में फंसाया। इसी तरह से जिन लोगों की पॉलिसी मैच्योर हो चुकी थी उनकी राशि निकलवाने के नाम पर फंसाया गया। इस दौरान कई लोगों के साथ मनीष वर्मा व उसकी टीम ने ठगी की।


फिर इनकम टैक्स अधिकारी बना :  फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर आईटीआर न भरने, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आय से अधिक संपत्ति के फर्जी नोटिस तैयार कर तलाशी लेने की एवज में ठगने का काम शुरू कर किया। वह बड़ी टीम तैयार करना चाहता था।

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