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हरियाणा की इस कंपनी ने किया बड़ा घोटाला, जानिए कितना बड़ा है घोटाला और कैसे दिया अंजाम?

हरियाणा की एक बड़ी कंपनी इज्जैक हैवी इंजीनियरिंग कंपनी में 84.24 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा हो गया। कंपनी पर आरोप है कि कंपनी के डिप्टी मैनेजर और खरीद अधिकारी ने दो फर्मों के साथ मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।

कंपनी बॉयलर के पार्ट्स बनाने के लिए मुंबई की होनावर इलेक्ट्रोडस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से इनकानल वेल्डिंग इलेक्ट्रोडस खरीदते थे। इन्हीं इलेक्ट्रोड्स को लेकर यह 84 लाख रुपए का घपला कंपनी में हुआ है।

कंपनी से यह माल चोरी किया गया और उन दो फर्म से लिया गया जोकि इस पूरे फर्जीवाड़े में शामिल थी। इस पर इज्जैक हैवी इंजीनियरिंग के वाइस प्रेजीडेंट सतीश भाटिया की शिकायत पर सदर यमुनानगर पुलिस ने कंपनी के डिप्टी मैनेजर एवं वेल्डिंग विभाग के हेड मयंक सिंगला, विक्रम सेन, मैसर्ज चंडीगढ़ ट्रेडिंग हाउस के मालिक राकेश भारद्वाज, मैसर्ज अग्रवाल इलेक्ट्रोरा के मालिक विकास अग्रवाल पर धारा-420, 408, 468, 477ए, 380, 381, 120बी और आईटी एक्ट में केस दर्ज किया है। मामले की आगे की जांच डीएसपी शमशेर सिंह करेंगे।

रतनगढ़ यूनिट में मुख्य स्टोर है, जहां सामान खरीद कर रखा जाता है। वहीं उसका रिकाॅर्ड कंप्यूटर में रखा जाता है। मयंक सिंगला वहां से इनकानल वेल्डिंग इलेक्ट्रोड्स अपने नाम जारी कर दूसरे लघु स्टोर में रख देता था। वहां कई क्लर्क इस काम के लिए लगाए हुए थे कि किस दिन कौन-सा इलेक्ट्रोस किस वेल्डर को दिया है। मयंक की जिम्मेदारी थी कि उसका पूरा रिकॉर्ड लेकर कंप्यूटर में दर्ज करे लेकिन वह खपत के हिसाब से कंप्यूटर में उसकी एंट्री नहीं करता था।

जांच की तो इनकानल वेल्डिंग इलेक्ट्रोड्स की वास्तविक खपत का लघु स्टोर के स्टॉक में अंतर पाया गया। मयंक ने महंगे इलेक्ट्रोड्स को सस्ती इलेक्ट्रोड्स में बदल दिया। आगे जांच में सामने आया कि इस पूरे मामले में कंपनी का खरीद अधिकारी विक्रम सेन, चंडीगढ़ ट्रेडिंग हाउस के मालिक राकेश भारद्वाज और अग्रवाल इलेक्ट्रोड्स यमुनानगर के मालिक विकास अग्रवाल भी शामिल हैं क्योंकि मयंक ने चोरी कर ये सामान राकेश भारद्वाज को देता था।

कई सालों से चल रहा खेल राकेश ने 2926 किलोग्राम होनावर मेक इनकानल वेल्डिंग इलेक्ट्रोड्स कंपनी के हमारी कंपनी को बेचे वे मयंक सिंगला द्वारा हमारी कंपनी से चोरी किए थे। ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि 22 मई 2018 से अक्टूबर 2019 तक 6877 किलोग्राम वेल्डिंग इलेक्ट्रोड्स की खरीद की गई थी। चोरी को छिपाने के लिए मयंक ने इस अवधि के खपत रजिस्टर को गायब कर दिया।

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