बरोदा उपचुनाव को लेकर काफी समय से उम्मीदवारों का इंतजार था। लेकिन नामांकन के अंतिम दिन जाकर सभी पार्टियों के उम्मीदवारों की तस्वीर स्पष्ट हो पाई है। जानिए किस पार्टी से कौनसा बड़ा नेता होगा मैदान में।

भाजपा : बरोदा से देर रात भाजपा ने अपने उम्मीदवार का भी एलान कर दिया और फिर से पहलवान योगेश्वर दत्त पर पार्टी ने विश्वास जताया है। योगेश्वर दत्त भैंसवाल कलां गांव के रहने वाले हैं। जो बरोदा हलके का बड़ा गांव हैं। योगेश्वर दत्त ने वर्ष 2019 में डीएसपी पद से त्यागपत्र देकर बरोदा हलके में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर राजनीति में कदम ही रखा था। इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी रहें श्रीकृष्ण हुड्डा को कड़ी टक्कर दी थी। उन्हें करीब 37726 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकृष्ण हुड्डा को 42566 वोट मिले थे। चुनाव के बाद भी योगेश्वर दत्त निरंतर हलके में सक्रिय हैं।
कांग्रेस : पार्टी ने अंतिम समय में इंदुराज नरवाल उर्फ भोलू पर विश्वास जताया है। पार्टी की गुटबाजी के चलते टिकट फाइनल होने में देरी हो रही थी। हुड्डा कपूर नरवाल को टिकट दिलवाना चाहते थे लेकिन सैलजा इस बात पर अड़ी थी कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ता को ही टिकट मिले। रात 2 बजे तक खींचतान चली और अंत में भूपेन्द्र हुड्डा ने बीच का रास्ता निकाला और अपने पक्ष के इंदुराज नरवाल को टिकट दिलवा दी।
इनेलो : पार्टी काफी समय तक इंतजार करती रही कि भाजपा और कांग्रेस समय से एलान कर दे और जिन नेताओं की टिकट कटेगी उनमें से किसी एक नेता को पार्टी टिकट दे सके। लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों ही रात तक अटके रहे। ऐसे में इनेलो ने 2019 में यहां से पार्टी के उम्मीदवार रहे जोगेंद्र मलिक को फिर से अपना चेहरा घोषित किया है। उन्हें उस समय 3145 वोट मिले थे।
लोसुपा : पार्टी के नेता और राजकुमार सैनी ने खुद चुनाव लड़ने का मन बनाया है और इसके लिए नामांकन भी कर दिया है। इनके उतरने का नुकसान सीधे तौर पर भाजपा को होगा।
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