बरोदा उपचुनाव को लेकर माहौल गर्म होता जा रहा है और जल्द ही पार्टियां अपने उम्मीदवारों का एलान कर सकती हैं। भाजपा को कुल 25 नेताओं ने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन दिए हैं। लेकिन हो सकता है कि इनमें से किसी को भी टिकट न मिले।

चर्चा है कि भाजपा नई रणनीति पर काम कर रही है और वो अपने चुनाव निशान पर जजपा के नेता को टिकट दे सकती है। साल 2019 अक्टूबर माह में हुए विधानसभा के चुनाव में जजपा ने बरोदा हलके से प्रत्याशी के रूप में भूपेद्र मलिक को मैदान में उतारा था। पहली बार चुनावी रण में आई जजपा पार्टी के प्रत्याशी भूपेंद्र मलिक ने भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी को नाकों चने चबाने का काम किया था। अब एक वर्ष बाद कांग्रेस से विजेता रहे प्रत्याशी स्व. कृष्ण हुड्डा के निधन के बाद सीट पर उप चुनाव होने जा रहा है। इस चुनावी रण को अगर भाजपा व जजपा गठबंधन जीतना चाहती है तो उन्हें सोच समझ कर कदम उठाने होंगे। भाजपा व जजपा गठबंधन इस चुनावी रण को जीतने के लिए जजपा प्रत्याशी भूपेंद्र मलिक पर फिर से कार्ड खेल सकती है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि केसी बांगड़ भी एक विकल्प हो सकते हैं। भूपेंद्र मलिक कांग्रेस में पिछले कई वर्षो से संघर्ष करते आ रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें मौका नहीं दिया। वह बरोदा हलके के गांव भैंसवाल कलां के पैतृक निवासी हैं। गोहाना में उनका निवास स्थान है। कांग्रेस पार्टी ने जब उन्हें मौका नहीं दिया तो वह साल 2019 विधानसभा चुनाव से पहले जजपा पार्टी में चले गए और जजपा पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में उतारा। बरोदा हलके में लोगों का कहना है कि अगर भाजपा अगर यहां से जजपा के किसी नेता को मैदान में उतारेगी तो जजपा भी पूरे मन से मेहनत करेगी नहीं तो भाजपा अकेली रह जाएगी और हार सकती है। ऐसे में सूत्रों के हवाले से भी खबर आ रही है कि भाजपा टिकट के लिए जजपा नेता भूपेंद्र मलिक और केसी बांगड़ के नाम पर भी विचार कर रही है। वैसे भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ पहले ही कह चुके हैं कि जिन नेताओं ने आवेदन किए हैं उससे बाहर से भी किसी को टिकट मिल सकती है।
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