हरियाणा में लॉकडाउन में हुए शराब घोटाला की जांच अब स्टेट विजिलेंस ब्यूरो करेगा। साथ ही आईएएस अधिकारी शेखर विद्यार्थी व आईपीएस अधिकारी प्रतीक्षा गोदारा के खिलाफ विभागीय जांच भी होगी। मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (ईटीसी) शेखर विद्यार्थी से स्पष्टीकरण मांगा है।

सोनीपत की तत्कालीन एसपी एवं यूटी कॉडर की आईपीएस प्रतीक्षा गोदारा से स्पष्टीकरण के लिए होम सेक्रेट्री विजय वर्धन को पत्र लिखा गया है। गृह मंत्री विज ने बताया कि मुख्य सचिव ने आईएएस शेखर विद्यार्थी को तलब भी किया था। आईपीएस प्रतीक्षा गोदारा से भी जवाब तलबी हुई है। वहीं घोटाले पर सरकार के दो सीनियर मंत्री आमने-सामने हैं। गुरुवार सुबह डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पत्रकारवार्ता बुलाकर एक्साइज डिपार्टमेंट की जमकर तारीफ की। कहा कि जब विभाग का राजस्व बढ़ा है तो घोटाला कहां से हुआ।
इसके बाद शाम को गृह मंत्री अनिल विज ने मीडिया से मुखातिब होकर एक बार फिर दोहाराया कि शराब घोटाला हुआ है। मुख्यमंत्री ने सभी सिफारिश मंजूरी कर ली हैं। अब इस मामले की गहनता से जांच होगी।
स्टेट विजलेंस ब्यूरो को लिखे गए पत्र में एसईटी की रिपोर्ट में दर्ज कई बातों का विशेष रूप से जिक्र किया गया है, ताकि इन बिंदुओं पर ज्यादा जोर दिया जा सके। शराब के स्टॉक में ज्यादातर जिलों में कमी देखी गई। एक्साइज विभाग ने पूरी जानकारी नहीं दी। इसके क्या कारण हो सकते हैं, वह खुद ही जानता है। ईटीसी ने खुद माना कि कुछ जिलों में परमिट जारी हुए। लॉकडाउन में शराब की मूवमेंट हुई, इसका भी ईटीसी ठीक से जवाब नहीं दे पाए। यह साबित होता है कि लॉकडाउन में शराब की अवैध तरीके से मूवमेंट हुई है। पुलिस ने भी जो रोल निभाया है, वह नियमों से बाहर होकर किया गया काम है। इसकी जांच की जरूरत है। क्योंकि यही वह समय था, जब हर जगह लॉकडाउन में एक आदमी की मूवमेंट नहीं होने दी जा रही थी, वहां शराब की मूवमेंट कैसे हो गई?
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