हरियाणा सरकार अब औद्योगिक प्लाटों की बोली लगाकर पीछे हटने वाले उद्यमियों को ब्लैक लिस्ट करेगी। इतना ही नहीं, बल्कि सफल बोलीदाता की तर्ज पर प्लॉट नहीं लेने पर जमा कराई गई पांच फीसद संचित आय निधि (ईएमडी) को भी जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही ईएमडी को तीन फीसद बढ़ाया गया है, इससे पहले ईएमडी प्लाट के आरक्षित मूल्य की दो फीसद होती थी।

ये फैसला मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और HSIIDC के चेयरमैन राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। इसके अलावा बोर्ड ने प्रत्येक आबंटी की इकाई के भीतर श्रमिकों के इन-सीटू आवास के लिए दस फीसद अतिरिक्त तल क्षेत्र अनुपात (एफएआर) की अनुमति के लिए नीति को भी मंजूरी दी। एच-1 (उच्चतम) बोली लगाने वाले को अब भूखंड दर्ज (बुक) करने के लिए दस मिनट का समय दिया जाएगा।
अगर वो प्लॉट को निश्चित समय में बुक नहीं करता, तो सॉफ्टवेयर अगले एक मिनट में बिना किसी क्रम के प्लॉट आवंटित करेगा। बाद में एच-2 बोलीदाता की उच्चतम बोली से शुरू होगा। अगर फिर बोली नहीं होती है तो एच-2 बोलीदाता को उसकी पिछली एच-2 बोली में उसके भूखंड का चयन करने के लिए 30 मिनट का समय दिया जाएगा। तीसरा दौर एच-3 बोलीदाता की उच्चतम बोली से शुरू होगा।
इसके अलावा ये भी बताया गया है कि सफल बोली लगाने वालों के लिए 10 प्रतिशत भुगतान के समय को 24 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे किया जाएगा। सभी असफल बोलीदाताओं को 24 घंटे के अंदर ही उनकी ईएमडी राशि वापस कर दी जाएगी। औद्योगिक आवास के लिए दस फीसद अतिरिक्त एफएआर की अनुमति से उन इकाइयों को फायदा होगा, जिन्होंने पहले से ही उपलब्ध एफएआर को समाप्त कर लिया है।